Kakuda (2024) | |
Director: | Aditya Sarpotdar |
Cast: | Sonakshi Sinha, Riteish Deshmukh, Saqib Saleem, Aasif Khan |
Genre: | Horror Comedy |
Runtime: | 1 hour 56 minutes |
Rating: | ★★☆☆☆ |
Bollywood में Horror Comedy का चलन बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ सालों में हमने Stree, Roohi, और हाल ही में Munjya जैसी फिल्में देखी हैं जिन्होंने इस Genre को नया आयाम दिया है। इसी कड़ी में आई है Director Aditya Sarpotdar की नई फिल्म Kakuda। लेकिन क्या यह फिल्म अपने पूर्ववर्तियों की तरह दर्शकों को entertain कर पाई है? आइए जानते हैं।
कहानी: एक अजीब Curse की दास्तां
Kakuda की कहानी Ratodi नाम के एक छोटे से गाँव में घूमती है। यहाँ एक अजीब परंपरा है – हर घर में दो दरवाजे होते हैं, एक बड़ा और एक छोटा। हर मंगलवार रात 7:15 बजे, एक भूत Kakuda गाँव में आता है। अगर किसी ने छोटा दरवाजा बंद कर दिया तो वह उस घर के मुखिया को शाप दे देता है। इस शाप के कारण व्यक्ति की पीठ पर एक बड़ी गांठ निकल आती है और वह 13 दिनों में मर जाता है।
इसी गाँव में रहते हैं Sunny (Saqib Saleem) और Indira (Sonakshi Sinha)। दोनों की शादी होती है लेकिन अनजाने में Sunny को Kakuda का शाप लग जाता है। अब Indira अपने पति को बचाने के लिए Victor (Riteish Deshmukh) नाम के एक Ghost Hunter की मदद लेती है। क्या वे Kakuda के राज को सुलझा पाएंगे? यही है फिल्म की मुख्य कहानी।
अभिनय: कुछ खास नहीं
Sonakshi Sinha ने Indira के किरदार को बखूबी निभाया है। वह एक ऐसी महिला का रोल करती हैं जो अंधविश्वास को चुनौती देती है। लेकिन उनके Character में कोई खास बात नहीं है जो दर्शकों को याद रहे।
Riteish Deshmukh ने Victor के रूप में एक अलग अवतार में नजर आए हैं। उन्होंने Comedy और Serious दोनों तरह के सीन्स में अच्छा Performance दिया है। लेकिन कहानी की कमजोरी के कारण उनका Talent पूरी तरह से उभर कर सामने नहीं आ पाया।
Saqib Saleem को ज्यादा कुछ करने को नहीं मिला। उन्होंने एक Cursed व्यक्ति की भूमिका ठीक-ठाक निभाई है। Aasif Khan ने Sunny के दोस्त Kilvish के रोल में कुछ हद तक हँसी बटोरने की कोशिश की है।
निर्देशन: कमजोर Execution
Director Aditya Sarpotdar ने पहले Munjya जैसी सफल फिल्म दी थी। लेकिन Kakuda में उनका निर्देशन उतना प्रभावशाली नहीं रहा। फिल्म में Horror और Comedy के बीच Balance बनाने में वे असफल रहे हैं। कहानी की शुरुआत अच्छी है लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे दर्शकों का Interest कम होता जाता है।
तकनीकी पहलू: Average
फिल्म की Cinematography ठीक-ठाक है। गाँव के दृश्य और घरों का Set Design अच्छा है। लेकिन VFX Effects में सुधार की गुंजाइश है। Kakuda का Ghost Character विजुअली उतना डरावना नहीं लगता जितना होना चाहिए था।
Background Score फिल्म के मूड के अनुसार है लेकिन कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ता। गाने भी औसत हैं और कहानी को आगे बढ़ाने में मदद नहीं करते।
क्या देखने लायक है Kakuda?
Kakuda एक ऐसी फिल्म है जिसमें Potential तो था लेकिन उसे सही तरीके से Utilize नहीं किया गया। फिल्म की कहानी में कई Loopholes हैं जो दर्शकों को Confuse कर सकते हैं। Horror के नाम पर कुछ खास नहीं है और Comedy भी उतनी प्रभावशाली नहीं है।
अगर आप Horror Comedy Genre के शौकीन हैं तो एक बार देख सकते हैं। लेकिन उम्मीदें कम रखें। यह फिल्म Stree या Munjya जैसी फिल्मों के मुकाबले काफी पीछे है।
निष्कर्ष
Kakuda एक Average फिल्म है जो अपने Genre के साथ न्याय नहीं कर पाई। इसमें कुछ अच्छे Moments हैं लेकिन Overall Impact कमजोर है। अगर आप Weekend पर कुछ हल्का-फुल्का देखना चाहते हैं तो देख सकते हैं, लेकिन इसे Miss करने पर कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा।
Key Highlights | Details |
---|---|
Concept | Unique folklore-based horror comedy |
Performances | Riteish Deshmukh stands out, others average |
Direction | Weak execution, fails to balance horror and comedy |
Technical Aspects | Average cinematography, weak VFX |
Overall Impact | Falls short of expectations, lacks memorable moments |
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