मुंबई. संजय दत्त इन दिनों फिल्मों में नेगेटिव किरदार निभाकर वाहवाही लूट रहे हैं. लेकिन 80-90 के दशक में वह एक टॉप लीड एक्टर हैं. लीड एक्टर के तौर पर उन्होंने खूब नाम कमाया. इसके साथ ही वह विवादों में घिरे रहे. उन पर अवैध तरीके से हथियार रखने और आतंकवादी दाउद इब्राहिम से संबंध होने के आरोप लगे. 90 के दशक के आखिरी साल संजय एक बुरे दौर से गुजर रहे थे. इसे देखते हुए उनके पिता और दिग्गज एक्टर रहे सुनील दत्त ने उन्हें एक आदेश दिया, जिससे संजय के छवि में सुधार हो सके. इसका असर भी सुनील और संजय को देखने को मिला.
संजय दत्त ने 90 के दशक में माथे पर लाल टीका लगाना शुरू कर दिया था. वह पब्लिक के सामने जाते थे, तो उनके माथे पर एक लंबा तिलक होता था. इसकी वजह थी कि साल 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट से संबंधित मामले में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद संजय का कहना था कि पुलिस उन्हें फंसा रही है और उन्हें इसलिए टॉर्चर किया जा रहे हैं क्योंकि उनकी रगों में एक मुसलमान का खून बह रहा है.
बता दें संजय दत्त की नानी मुस्लिम थीं और उनके मां नरगिस दत्त की मां मुस्लिम फैमिली से ताल्लुक रखती थीं. वहीं, दाउद इंब्राहिम के साथ उनके कनेक्शन होने पर संजय को एंटी नेशनल कहा जा रहा था और उन्हें भी लोग टेररिस्ट की तरह देख रहे थे. यही कारण, सुनील दत्त को उनके साथ रहने वाले लोगों ने कहा कि संजय दत्त को एक कट्टर हिंदू की छवि दिखाने होगी.
संजय दत्त की जब पहली बार जमानत हुई, तब उनके माथे पर लाल टीका लगा हुआ था और हाथ में उन्होंने लाल धागा पहना हुआ था. जेल से जब संजय दत्त बाहर आए, तो लोगों ने उन्हें कट्टर हिंदू के तौर पर देखा. इसके बाद से संजय दत्त को कई मौके पर तिलक लगाए और हाथ में लाल धागा बांधे हुए देखा गया. इतना ही नहीं, उन्हें माता की चुनरी गले में डाले हुए भी देखा गया.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2023, 15:04 IST