सन 1992 में आई फिल्म ‘खुदा गवाह’ ने उस दौर में जबरदस्त वाह-वाही लूटी थी. अफगानिस्तान में तो इस फिल्म की शूटिंग से जुड़े कई किस्से भी आपने सुने होंगे. निर्देशक मुकुल आनंद की यही वो फिल्म है जिसकी कहानी सुनने के बाद ‘अमिताभ बच्चन के साथ कभी काम नहीं करूंगी’ कहने वाली श्रीदेवी ने भी हीरोइन बनने के लिए हां कह दिया था. लेकिन इसी फिल्म की हीरोइन बनने से चूंक गई एक्ट्रेस फराह नाज ने उस दौर में ऐसी बयानबाली की थी हर कोई दंग रह गया था. तबू की बहन फराह ने न केवल अमिताभ बच्चन के साथ काम करने से इनकार किया था बल्कि निर्देशक मुकुल आनंद को भी खुले में चुनौती दी थी. मुकुल आनंद से फराह को ये पंगा काफी भारी पड़ा था.
मुझे ऊंचे करियर के लिए अमिताभ की जरूरत नहीं
मुकुल आनंद वो निर्देशक हैं जिन्होंने उस दौर में ‘अग्निपथ’, ‘हम’, ‘खून का कर्ज’, ‘त्रिमूर्ती’ और ‘खुदा गवाह’ जैसी सुपरहिट फिल्में बनाई थीं. उस दौर की फिल्मी मैगजीन फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में फराह से फिल्म ‘खुदा गवाह’ छोड़ने की बात पूछी गई. उनसे पूछा गया कि ‘अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के लिए तो दूसरी हीरोइनें तरसती रहती हैं और आपने मुकुल आनन्द निर्देशित खुदा गवाह छोड़ दी, जिसमें उनके साथ आपका अहम रोल था?’ इस सवाल के जवाब में एक्ट्रेस ने कहा, ‘मुझे बड़े और ऊंचे कैरियर के लिए अमिताभ बच्चन की कोई जरूरत नहीं. इस बात की कोई गारन्टी नहीं कि अमिताभ की फिल्म हिट होगी ही.’
फराह के गुस्से की कहानियां उस दौर में कई बार सामने आई थीं.
मुकुल आनंद, उसे तो मेरे आगे घुटने टेकने होंगे
वहीं निर्देशक मुकुल आनंद के बारे में इसी जवाब में एक्ट्रेस ने आगे कहा, ‘और मुकुल आनन्द? वे कहते हैं कि मुझे उनकी जरूरत है, उन्हें मेरी नहीं. बकवास. मुझे उनकी जरूरत नहीं. बल्कि मैं तो उन्हें ऐसा सबक सिखाऊंगी कि उन्हें मेरे सामने घुटने टेकने पड़ेंगे. और आपने ‘खुदा गवाह’ में मेरे जिस अहम रोल की चर्चा की, वह एक एक्स्ट्रा के रोल से ज्यादा कुछ नहीं था. क्या मेरी औकात इस इंडस्ट्री में इतनी गई बीती है कि मैं एक्स्ट्रा जैसे रोल करूं? 50 फिल्में हैं इस समय मेरे पास.’

फराह की यादगार फिल्मों में से एक फिल्म 1998 में रिलीज हुई ‘यतीम’ भी थी. अपनी छोटी बहन तबू के साथ फराह.
फराह: वो सोचते हैं मैं उनके चमचों की तरह फिरुंगी
फराह नाज, जो उस दौर में अपने गुस्से और गाली-गलौज वाली भाषा के लिए बदनाम थीं, ने ये मामला यहीं नहीं छोड़ा. उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने तिल का ताड़ नहीं बनाया. मुकुलजी तीन फिल्मों में अमिताभजी को डायरेक्ट क्या कर रहे हैं, सोचते हैं मैं भी उनके चमचों की तरह मुकुलजी, मुकुलजी, कह कर उनके आगे-पीछे फिरती रहूंगी, लेकिन मैं ऐसी नहीं हूं. मुझे किसी की खुशामद करने की कोई जरूरत नहीं. देखिए, जब ‘खुदा गवाह’ का मुहूरत कार्ड छपा तो मेरा नाम सबसे नीचे दिया गया, मानो मेरी कोई अहमियत ही न हो. इसलिए बम्बई में रहते हुए भी मैं फिल्म के मुहूरत में नहीं गई. अपने जीवन में अपने को इतना अपमानित पहले कभी महसूस नहीं किया. वह तो निर्माता मनोज देसाई से मेरे अच्छे संबंध हैं, इसलिए यह फिल्म मैंने मंजूर की.’
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Tags: Amitabh bachchan, Entertainment Special
FIRST PUBLISHED : May 15, 2023, 12:18 IST