जब काजोल के दादा की फिल्म से निकाले गए धर्मेंद्र, ही-मैन ने लिया बदला और 10 साल में रच दिया इतिहास

 

नई दिल्ली. जॉय मुखर्जी (Joy Mukherjee) और साधना शिवदसानी (Sadhana Shivdasani) की डेब्यू फिल्म ‘लव इन शिमला’ (Love in Simla) बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों में शुमार है. फिल्म की कहानी से लेकर इसके गाने आज भी दर्शकों के बीच काफी फेमस हैं. वहीं फिल्म रिलीज हुई थी तो थियेटर में बॉलीवुड की एक फ्रेश जोड़ी को देखने के लिए काफी भीड़ हो गई थी. 60 के दशक में इस फ्रेश जोड़ी को लोगों ने खूब प्यार दिया. हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस देव कुमार मेहरा को रोल निभाकर जॉय मुखर्जी रातों रात स्टार बन गए थे. उस रोल को पहले बॉलीवुड के ही-मैन यानी धर्मेंद्र (Dharmendra) निभाने वाले थे. फैंस को जानकर थोड़ा बुरा लगेगा कि इस फिल्म से धर्मेंद्र को स्क्रीनटेस्ट देने के बाद भी फिल्म से बाहर कर दिया था. उन्हें बॉलीवुड के न्यू कमर एक्टर ने बेहद आसानी से रिप्लेस कर अपनी जगह बनाई थी.

जन्म 8 दिसंबर 1935 को जन्में धर्मेंद्र (Dharmendra) ने भी 1960 में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. उनकी पहली फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे से’ थी. इस फिल्म को अर्जुन हिंगोरानी ने निर्देशित किया था. कहा जाता है कि इस फिल्म के बाद धर्मेंद्र आरके नय्यर की अगली फिल्म ‘लव इन शिमला’ में एक्ट्रेस साधना संग रोमांस करने वाले थे. हालांकि बात बनते-बनते रह गई.

फिल्म से धर्मेंद्र हुए रिजेक्ट
Imdb की रिपोर्ट की मानें तो आरके नय्यर की ‘लव इन शिमला’ के लिए धर्मेंद्र उनकी पहली पसंद में एक थे. इस फिल्म के लिए धर्मेंद्र ने स्क्रीनटेस्ट भी दिया था. लेकिन वो रिजेक्ट हो गए थे. रिपोर्ट की मानें तो वह फिल्म के लुक में फिट नहीं बैठ रहे. फिल्म में उनकी कद काठी एक हॉकी प्लेयर की तरह लग रही थी इसलिए फिल्म में उनकी जोड़ी साधना संग नहीं बन पाई और वह आसानी से रिजेक्ट हो गए. हालांकि 10 साल बाद साल 1970 में फिल्म ‘इश्क पर ज़ोर नहीं’ में धर्मेंद्र और साधना को एक साथ देखा गया था.

जॉय मुखर्जी ने किया आसानी से रिप्लेस
‘लव इन शिमला’ में साधना संग धर्मेंद्र की जोड़ी नहीं बन पाने का एक कारण फिल्म के प्रोड्यूसर सशाधर मुखर्जी को भी माना जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, जब फिल्म के कास्ट सलेक्शन की प्रक्रिया की जा रही थी, तब सशाधर मुखर्जी अपने बेटे जॉय मुखर्जी को इस फिल्म के जरिए बॉलीवुड में लॉन्च करने का प्लान कर चुके थे. इसलिए फिल्म से धर्मेंद्र को बाहर होना पड़ा क्योंकि धर्मेंद्र पूरी तरह से बॉलीवुड के लिए आउटसाइड थे. जबकि जॉय मुखर्जी फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे. एक तो वह प्रोड्यूसर सशाधर मुखर्जी के बेटे थे. दूसरी ओर वह किशोर कुमार के भांजे और अशोक कुमार के नातिज जो थे. इसलिए उन्हें यह फिल्म आसानी से मिल गई और धर्मेंद्र फिल्म से बाहर हो गए.

काजोल संग सशाधर मुखर्जी का रिश्ता
आपको एक और मजेदार बात बता दें कि प्रोड्यूसर सशाधर मुखर्जी एक्ट्रेस काजोल के दादा लगते थे. काजोल सशाधर मुखर्जी के बड़े बेटे शोमू मुखर्जी और बहू एक्ट्रेस तनुजा की बेटी हैं. जिनकी शादी एक्ट्रेस अजय देवगन से हुई है. वहीं रिश्ते में जॉय मुखर्जी काजोल के चाचा लगते हैं.
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10 के अंदर बन गए सबके चहेते
‘लव इन शिमला’ फिल्म से रिजेक्ट होने के बाद धर्मेंद्र ने माला सिन्हा,बलराज साहनी के साथ ‘अनपढ़’ (Anpadh 1962) जैसी सुपरहिट फिल्म दीं. उस साल की यह सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में एक थी. फिल्म को मोहन कुमार ने निर्देशित किया था. फिल्म ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और अपने कुल बजट की वसूली भी की और बहुत अच्छी कमाई की. इसके साथ ही शोला और शबनम ( Shola Aur Shabnam ), हकीकत (Haqeeqat) , बंदिनी (Bandini),Phool Aur Patthar(फूल और पत्थर) और अनुपमा (Anupama ) जैसी हाई रेटिंग सुपरहिट फिल्में देकर वह दर्शकों पर छा गए. 1960 से लेकर 1970 तक आते आते यानी 10 साल के अंदर धर्मेंद्र बॉलीवुड के चेहते स्टार बन गए.

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