मुंबई. Chaudhvin Ka Chand Song Trivia: ‘चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो, जो भी हो तुम खुदा कि कसम, लाजवाब हो…’ कितना खूबसूरत है ना यह गाना. गाने का हर शब्द प्यार को बखूबी बयां करता है. खूबसूरती को शब्दों में पिरोने का यह हुनर एक कवि ही कर सकता है. कवि और गीतकार शकील बदायूंनी ने यह प्यारभरा नगमा एम सादिक की फिल्म ‘चौदहवीं का चांद’ के लिए लिखा था. जब यह गाना सामने आया तो सबसे पहले इस गीत का गाने के लिए मोहम्मद रफी साहब (Mohammed Rafi) का ही नाम आया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस गाने की रिहर्सल के दौरान गुरुदत्त (Guru Dutt) कुछ खफा हो गए थे और उन्होंने रफी के सामने एक दावा कर दिया था. आइए, आज सॉन्ग ऑफ दि वीक में इसी पर बात करते हैं.
‘चौदहवीं का चांद’ 1960 में रिलीज हुई थी और इसका स्क्रीनप्ले अबरार अल्वी ने लिखा था. इस फिल्म में गुरुदत्त, वहीदा रहमान, जॉनी वॉकर, रहमान आदि कलाकार मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म के गीत शकीन बदायूंनी ने लिखे और इन्हें संगीतबद्ध रवि ने किया था. रफी के अलावा फिल्म के लिए गीता दत्त, लता मंगेशकर, शमशाद बेगम, आशा भोसले ने आवाज दी थी.
रफी साहब कहीं और कर रहे थे रिकॉर्डिंग
जब फिल्म के टाइटल पर बना गाना ‘चौदहवीं का चांद’ की बात आई तो गुरुदत्त सहित सभी के दिमाग में सिर्फ रफी साहब का नाम आया. गुरुदत्त का मानना था कि इस गाने के साथ अगर कोई न्याय कर सकता है तो वह हैं मोहम्मद रफी. मो. रफी से सम्पर्क किया गया और उन्होंने भी गाने के लिए हामी भर दी. गाने की रिकॉर्डिंग से पहले गुरुदत्त के घर पर रिहर्सल रखी गई. रिहर्सल के दिन सभी समय पर पहुंच गए लेकिन रफी साहब नहीं पहुंचे. उन्हें ढूंढने के लिए एक व्यक्ति को उनके घर भेजा गया. वहां, जाकर पता चला कि वे एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हैं. जब वह शख्स स्टूडियो पहुंचा तो रफी साहब ने उनसे क्षमा मांगी और कहा आप जाइए, मैं आ रहा हूं.
गुरुदत्त को आया गुस्सा लेकिन…
रफी साहब जब गुरुदत्त के घर पहुंचे तो अपने स्वभाव के अनुरूप सभी से देरी से आने पर क्षमा मांगी. साथ ही बताया कि वे गाने की अर्जेंट रिकॉर्डिंग के लिए गए थे क्योंकि वह रिकॉर्डिंग आज ही होनी थी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गाना बहुत खूबसूरत था. इस पर गुरुदत्त को रफी पर गुस्सा आ रहा था लेकिन वे चुप रहे. सभी ने उनसे पूछा ऐसा कौनसा गाना गाकर आए हैं आप, तो रफी ने कहा ‘तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नजर ना लगे चश्मेबद्दूर’. उनकी इस बात पर गुरुदत्त ने दावा करते हुए कहा हो सकता है ‘आप बहुत अच्छा गाना गाकर आए हों लेकिन आप जो गाना गाने वाले हैं वे बेहद खास साबित होगा’. रफी साहब ने कहा, ‘बिल्कुल ऐसा ही होगा’.
इसके बाद जब गाना रिकॉर्ड हुआ और लोगों के सामने आया तो बस हर किसी की जुबां पर यही गाना था ‘चौदहवीं का चांद हो….’
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Tags: Entertainment Special, Mohammad Rafi, Song, Waheeda rehman
FIRST PUBLISHED : May 14, 2023, 06:00 IST