अच्छी खासी चल रही शादीशुदा जिंदगी, 3 बच्चों संग खुश था कपल, तभी हुई 1 हसीना की एंट्री और तबाह हो गया परिवार

नई दिल्ली. ‘बाबूजी धीरे चलना’, ‘जाने कहां मेरा जिगर जी’, ‘पिया ऐसो जिया में समाय गयो रे’ ‘न जाओ सैंया छुड़ा के बैंया..क़सम तुम्हारी मैं रो पड़ूंगी’ आदि ऐसे कई चुनिंदा और सदाबहार गानों को आपने अपनी लाइफ में एक बार जरूर सुना होगा. इन गानों पर आजकल बहुत सारी रील्स बनायी जा रही है. 50-60 के दशक ये मशहूर गाने आज भी लोगों के जेहन में बसे हुए हैं. आज भले ही युवा पीढ़ी इस गाने की सिंगर के नाम से अंजान होगी लेकिन जब भी ये गाने सामने आते हैं लोगों के चेहरे पर एक मुस्कान छा जाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें इन सभी गानों को मशहूर और दिवंगत सिंगर गीता दत्त (Geeta Dutt) ने गाया है. गीता दत्त ने गुरु दत्त (Guru Dutt) से शादी की थी. कपल को तीन बच्चे तरुण दत्त, अरुण दत्त और नीना दत्त हुए.

फिल्म ‘बाजी’ के सेट पर पहली बार गुरुदत्त से गीता दत्त मुलाकात हुई थी. गीता ने फिल्म का एक गाना ‘तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना दे’ गाकर गुरुदत्त का दिल जीत लिया था. इसी फिल्म के सेट पर जहां गुरु गीता की मधूर आवाज के दीवाने बन बैठे. वहीं गीता उनकी पर्सनालिटी और हंसमुख स्वभाव दीवानी हो गईं. बाद में दोनों ने परिवार के खिलाफ जाकर 26 मई 1953 को साधारण तरीके से शादी रचाई.

गुरु दत्त का दिग्गज अकादारा संग जुड़ा जब नाम
हालांकि अफसोस 3 बच्चों की माता-पिता बनने के बाद कपल की 11 साल की शादी मुश्किल में आ गई. ये बातें तब कि जब गुरु की लाइफ में बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा वहिदा रहमान की एंट्री हुई. कहा जाता है कि शादीशुदा और तीन बच्चों के पिता होने के वावजूद गुरु वाहिदा की खूबसूरती के कायल हो गए. गुरुदत्त और वहीदा ने एक साथ ‘सीआईडी’ , कागज के फूल’ ‘चौदहवीं का चांद’ आदि फिल्मों में काम किया.

एक तरफ जहां वहिदा संग गुरु एक के बाद फिल्में करते हुए, उधर उनके अफेयर की अटकलों से गीता परेशान होने लगीं. वह अपना परिवार बचाने के लिए गुरु को बार-बार फोन करने लगीं और दोनों के बीच दिन प्रतिदिन झगड़े बढ़ते चले गए. गीता अपने पति को लेकर पजेसिव थीं और उन्हें हर उस एक्ट्रेस पर शक था, जिसके साथ उन्होंने काम किया था.
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Guru Dutt Geeta dutt

शादीशुदा लाइफ में पड़ा खलल
कहा जाता कि एक दिन दोनों के बीच इतना झगड़ा हुआ कि गीता बच्चों को लेकर अपने मायके चली गईं और गुरु उनसे यही कहते कि लौट आओ. दोनों एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे, मगर एक-दूसरे के साथ रहना दुश्वार हो गया था. गीता का शक हर दिन बढ़ता ही जा रहा था. उधर दोनों के रिश्ते भी दिन प्रतिदिन खराब होता चला गया. और आखिर में 10 अक्टूबर 1964 की रात ऐसी आई कि गुरु हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए और गीता अकेली रह गईं. कहा जाता है कि पति के निधन के बाद गीता एकदम टूट गई थीं. उन्होंने दुख में अपना मानसिक संतुलन भी खो दिया था. हालांकि उन्होंने बाद में खुद को सम्हाला और फिर सिंगिंग की दुनिया में कमबैक लिया. वह सफल नहीं हो सकी और धीरे-धीरे आर्थिक संकट में फंस गईं. और अंत में साल 1972 में 41 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

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